जल आज बचायें, कल के लिए स्लोगन लेखन प्रतियोगिता
वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते शहरीकरण एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण ...
वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते शहरीकरण एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण नगरों की अधोसंरचना व्यवस्था पर अत्यधिक दबाव दिखाई दे रहा है। प्रदेश भर में पेयजल की समस्या चुनौती बनकर उभर रही है और अधिकांश नगरीय निकाय अल्प वर्षा अथवा पेयजल के स्त्रोत की कमी जैसी समस्या से लगातार जूझ रहे हैं। इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि पेयजल समस्या का स्वरूप अत्याधिक गंभीर है। यदि इस दिशा में समयानुसार उचित कदम नहीं उठाये गये तो स्थित भयावह हो सकती है। सरकार के साथ-साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वो पानी का संरक्षण करें।
परिणाम स्वरूप प्रदेश के सभी नगरों में बेहतर पेयजल व्यवस्था बहाल करने एवं मौजूदा पेयजल योजनाओं के यथाशीघ्र क्रियान्वयन हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा “मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना” प्रारंभ की गई है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 1000 से अधिक आबादी वाली ग्रामीण बसाहटों एवं 500 से अधिक जनसंख्या वाली अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वाली बसाहटों को प्राथमिकता से मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना से जोड़ा जायेगा। इस योजना में प्रत्येक व्यक्ति को घरेलू नल कनेक्शन से 70 लीटर प्रति दिन पेयजल मिलेगा।
इसके तहत “जल आज बचायें, कल के लिए” से सीधे जुड़ें और आने वाली पीढ़ी को पेयजल जैसी समस्या से निजात दिलाने में आगे आयें। “जल आज बचायें, कल के लिए” एक नए स्लोगन की तलाश जारी है। भारतीय नागरिकों की जल आज बचायें, कल के लिए "स्लोगन" हेतु प्रविष्टियां mp.mygov.in पर आमंत्रित हैं।
मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
पुरुस्कार- पहले तीन विजेताओं को (सर्वश्रेष्ठ स्लोगन के लिए) नगद पुरस्कार- जल्द ही घोषित किया जाएगा और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा।
(दी गई जानकारी गलत होने पर प्रविष्टियां रद्द कर दी जाएंगी)
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Chandra Bhanu Solanki 6 years 4 months ago
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