विशिष्ट आवासीय विद्यालयों के संचालन हेतु गठित सोसाइटी के नाम हेतु प्रतियोगिता
मध्यप्रदेश की कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से ...
मध्यप्रदेश की कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति के नागरिकों के कल्याण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा निरंतर इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों में अनुसूचित जनजाति वर्ग का विकास एवं हित संरक्षण का दायित्व भी शामिल है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति के नागरिकों के शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए भी निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं ।
प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के सम्पूर्ण विकास के लिए ‘शिक्षा’ की योजनाओं को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गयी है। शैक्षणिक विकास के लिए विभाग द्वारा आदिवासी विकासखंडो में कुल 146 अलग-अलग आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें से 29 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भी हैं। विभाग अपने सभी 146 आवासीय विद्यालयों को उनकी विशिष्ट पहचान बनाने के लिए एक नाम देना चाहता है, जिसमें विभाग का दृष्टिकोण, सभी आवासीय विद्यालयों की विशेषताएँ और रचनात्मकता की झलक हो।
जनजातीय कार्य विभाग, सभी नागरिकों से इन विशिष्ट आवासीय विद्यालयों के संचालन हेतु गठित सोसाइटी के नाम के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित करता है।
विभाग द्वारा श्रेष्ठ चयनित प्रविष्टि के लिए 5,000 रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
प्रतियोगिता शर्तें :
• देश का कोई भी नागरिक इसमें सहभागिता कर सकता है।
• सोसाइटी का संक्षिप्त (Acronym) रूप हिंदी में होना चाहिए, वहीँ पूरा नाम हिंदी या अंग्रेजी दोनों में से किसी भी भाषा में हो सकता है।
• प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए कोई शुल्क नहीं है।
• प्रविष्टि को उसके लॉग-इन विवरण के आधार पर ही प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा।
• निर्धारित तिथि के बाद प्रविष्टियाँ स्वीकार नहीं की जाएँगी।
• श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन विभाग के निर्णायक मंडल के द्वारा किया जायेगा।
• परिणाम की सूचना सोशल मीडिया अथवा मेल द्वारा प्रदान की जाएगी।
• अंतिम निर्णय आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग का ही होगा।
Shubham shukla 6 years 3 months ago
भारतीय संस्कृति विशिष्ट आवासीय विद्यालय