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विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के कुपोषण मुक्ति योजना के नाम हेतु प्रतियोगिता

Start Date: 04-01-2018
End Date: 31-01-2018

मध्यप्रदेश की कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से ...

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मध्यप्रदेश की कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जनजाति के नागरिकों के कल्याण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा निरंतर इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों में अनुसूचित जनजाति वर्ग का विकास एवं हित संरक्षण का दायित्व भी शामिल है। इसके साथ ही जनजाति के नागरिकों के शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए भी निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं ।

प्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियां भारिया, बैगा एवं सहरिया निवास करती है। इन विशेष जनजातियों की कुल परिवारों के संख्या प्रदेश में लगभग २५०००० है. विभाग द्वारा इन तीनों पिछड़ी जनजातियों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए एक योजना का संचालन किया जा रहा है।

जिसमें इन परिवारों की महिला प्रमुखों को परिवार के सदस्यों का सुपोषण सुनिश्चित करने के लिए हर महीनें 1000 रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जनजातीय कार्य विभाग, इस अभिनव प्रयास के लिए एक रचनात्मक नाम चाहता है। नाम योजना के उद्देश्यों एवं अपेक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाला होना चाहिए।

विभाग द्वारा श्रेष्ठ चयनित प्रविष्टि के लिए 5,000 रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।

प्रतियोगिता शर्तें :
• देश का कोई भी नागरिक इसमें सहभागिता कर सकता है।
• प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए कोई शुल्क नहीं है।
• प्रविष्टि को उसके लॉग-इन विवरण के आधार पर ही प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा।
• निर्धारित तिथि के बाद प्रविष्टियाँ स्वीकार नहीं की जाएँगी।
• श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन विभाग के निर्णायक मंडल के द्वारा किया जायेगा।
• परिणाम की सूचना सोशल मीडिया अथवा मेल द्वारा प्रदान की जाएगी।
• अंतिम निर्णय आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग का ही होगा।

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sachin rautel 6 years 1 month ago

1. स्वास्थ सर्वोत्तम उपहार
2. अच्छी समझ और अच्छा स्वास्थ दोनों जीवन के सबसे बड़े आशीर्वाद
3. पिछड़ी जनजाति की पहचान,सर्वोत्तम स्वास्थ की ज्ञान
4. शरीर की देखभाल पिछड़ी जनजाति मुख्य कार्य
5. अनमोल पिछड़ी जनजाति सर्वोत्तम स्वास्थ जनजाति