प्रदेश में बाल मृत्युदर के प्रमुख कारणों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की सामुदायिक विस्तार हेतु दस्तक अभियान की शुरूआत की गई है। यह स्वास्थ्य व महिला एवं बाल विकास विभाग की समन्वित रणनीति है। जिसमें लक्षित 5 वर्ष से छोटे बच्चों वाले परिवारों के घर पर आशा, एन.एन.एम. व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संयुक्त दल द्वारा दस्तक दी जायेगी।
अभियान के दौरान गंभीर कुपोषण, एनीमिया, दस्त एवं निमोनिया से ग्रस्त प्रदेश के लगभग 1 करोड़, 5 वर्षीय बच्चों की सक्रिय पहचान की जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 68.9 प्रतिशत बच्चे एनीमिक एवं 9.2 प्रतिशत बच्चे गंभीर कुपोषित हैं। दस्तक अभियान के दूसरे चरण का आयोजन 18 दिसंबर, 2017 से 18 जनवरी 2018 के बीच किया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश, नागरिकों से दस्तक अभियान को बेहतर बनाने, रणनीति बनाने, लोगों को जागरूक करने, और वॉलेंटियरों को प्रोत्साहित करने के संबंध में आपके सुझाव/विचार आमंत्रित करता है। आप अपने सुझाव/विचार नीचे कमेन्ट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं, “स्वस्थ मध्यप्रदेश” बनाने के इस अभियान में भागीदार बनें।
SAILENDRA PRASAD 6 years 3 months ago
बाल मृत्यु दर के पीछे कुपोषण ही एकमात्र कारण नहीं है, महिलाओं की समाज में हमेशा से उपेक्षा की जाती रही है जिसका मूल कारण दहेज प्रथा है। जन्म के पूर्व कन्या भ्रूण हत्या, पालन पोषण में उपेक्षा, दोयम दर्जे की शिक्षा, पराये घर जाने की चिंता, दहेज उत्पीड़न और प्रताड़ना।