हर व्यक्ति इतना भाग्यशाली नहीं होता कि वह जन्म से ही स्वस्थ शरीर के साथ पैदा हो। सार्वजनिक अनुभूति और पूर्वधारणा के कारण अक्सर दिव्यांगजनों के कौशल और क्षमता को काफी हद तक कम आँका जाता है। जबकि ज्यादातर मामलों में, यह देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति हमसे ज्यादा गुणवान होते हैं। फिर चाहे बात भिंड की केनोइंग खिलाड़ी पूजा ओझा की हो, प्रदेश के फेमस अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक सतेन्द्र सिंह लोहिया, खंडवा के दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी सोनू गोलकर, सिहोरा जबलपुर की कुमारी जानकी गौद या फिर भोपाल की रहने वाली पूनम श्रोती की...। यह सभी दिव्यांग होने के बाद भी अपनी प्रतिभा व हुनर से आज देश के लिए एक मिसाल बन गये है और समाज के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहे हैं।
भारत सरकार व राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए संकल्पित है। भारतीय संविधान दिव्यांगजनों सहित सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय के संबंध में स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संयुक्त रूप से विकास की ओर चलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने नि:शक्तजनों के लिए म.प्र. दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 बनाये हैं। जिसके अंतर्गत मानव संसाधन विकास और उनका पुनर्वास शामिल है। नि:शक्तजनों पर सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना, दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुविधाएं प्रदान करना और दूसरों के बीच उनके लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है। 6 से 18 वर्ष के बीच की विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च शिक्षा, सरकारी नौकरियों, भूमि के आवंटन और गरीबी उन्मूलन योजनाओं में आरक्षण विशेष रूप से नि:शक्तजनों को प्रदान किया जा रहा है।
सरकार अकेले ही दिव्यांगों के जीवन स्तर में सुधार व परिवर्तन नहीं ला सकती है। समाज के हर वर्ग के व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि हर दिव्यांग को प्रोत्साहित करें और उन्हें अधिक उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए सकारात्मक माहौल तथा वातावरण उपलब्ध कराएं। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।
आयुक्त नि:शक्तजन, मध्यप्रदेश नागरिकों से नि:शक्तजनों के उत्थान की दिशा में आपके मूल्यवान विचार एवं सुझाव MPMyGov के माध्यम से आमंत्रित करता है।
Vaidhav Sharma 1 month 3 weeks ago
यदि सच मे दिव्यांग उत्थान करना चाहते तो आपको 2016दिव्यांग अधिनियम धरातल पर लागू करना होगा और राजनीती मे योग्यता के आधार पर अवसर देना होगा। दिव्यांग की समस्या एक दिव्यांग समझ सकता है।
Saritasoni 1 month 3 weeks ago
Sabhi tak sari suvidhaye pahuche yah sunishchit krna chahiye.taki nihshaktjan bhi apni kathinaiyo se ubar sake.dhanybad.
Anukool Rathore 1 month 4 weeks ago
आदरणीय सर ,
मुझे बांस का काम करते हुए ३ वर्ष करीब हो गए है परन्तु मशीनों के आभाव में काम की जो गुणवत्ता आनी चाहिए वो नही आ पा रही है और सस्ते काम होने के कारण सभी कान कैश पेमेंट में ही होते है जिस कारण बैंक स्टेटमेंट कमजोर होने की वजह से मशीनों के लिए लोन नही हो पा रहा है अगर आप मुझे बॉस के उत्पाद निर्माण के लिए लोन लेने का कोई आसान तरीका बता सके तो बड़ी कृपा होगी मेरे अभी तक किये गये सभी प्रयास विफल रहे है मेरी मेल ID :- irdno.one@yahoo.com (link sends e-mail) है और contact no. 9039680787
Dr Usha Shukla 1 month 4 weeks ago
हम लीक-लीक क्यों चलें ? क्या नई शिक्षा-नीति के अन्तर्गत कुछ ऐसा प्रावधान नहीं किया जा सकता कि प्रारम्भिक स्तर पर ऐसे बच्चों को पहचानकर कक्षा 5 या 6 के बाद उनके लिए दस्तकारी/कसीदाकारी/कुर्सी बुनाई/ चटाई बुनाई जैसे कार्यों का एक / दो वर्षीय प्रशिक्षण देकर समर्थित किया जाए और शिक्षक,समाज और इन बच्चों की समस्याओं का ज़मीनी-हल खोजा जाए।
Dr Usha Shukla 1 month 4 weeks ago
समावेशन के बारे में सोचते ही हम समाज के विशिष्ट वर्गों को समाज की प्रगति के समांतर लाने की बात करते है,और अपेक्षित सुझाव भी देते हैं ताकि सबको जीवन, सुरक्षा और रोज़गार के समुचित अवसर मिल सकें।
यहाँ एक वर्ग को हम विस्मृत कर रहे हैं- मानसिक-मंद और विशिष्ट योग्यतावाले बालकों का समूह। दुर्योग से हमारी शासकीय शालाओं में पढ़्ने वाले लगभग छैः प्रतिशत बच्चे इस वर्ग में आते हैं।
Amit Kumar Tiwari 1 month 4 weeks ago
Disability physically Koi bdi bat Nhi h bs mentality positive honi chahiye
Amit Kumar Tiwari 1 month 4 weeks ago
दिव्यांगों का हौसला बढ़ाना चाहिए मानव सेवा ही सर्वोपरि है हमें बेसहारा लोगों की मदद करनी चाहिए
Amit Kumar Tiwari 1 month 4 weeks ago
निशक्त जनों के सशक्तिकरण हेतु मुझे लगता है प्रत्येक क्षेत्र में अधिक से अधिक आरक्षण निर्धारित रहना चाहिए जिससे कोई भी निशक्तजन बिना किसी भेदभाव के मनमुटाव के आत्मग्लानि के अपना जीवन सा सम्मान जी सके, क्योंकि उनमें ईश्वर द्वारा
दी गई विशेष प्रतिभा होती है जिससे वह अपना जीवन सकुशल जीवन यापन करते एवं साधारण व्यक्ति से भी अच्छे-अच्छे प्रतिभाओं
के सहारे संसार में अपना नाम ऊंचा करते हैं।
Amit Kumar Tiwari 1 month 4 weeks ago
निशक्तजन लोगों के लिए सरकार द्वारा अलग बसें चलाई जानी चाहिए जिनसे कि उन्हें कोई परेशानी ना हो
Amit Kumar Tiwari 1 month 4 weeks ago
All Indian is equal to the government