कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग

महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज में गांव के कुटीर, लघु और कृषि उद्योग को शिक्षा के साथ जोड़ने पर जोर दिया था। उन्होंने स्थानीय संगठनों को योग्य एवं कुशल बनाने और पारम्परिक संसाधनों के अधिकाधिक विवेकपूर्ण उपयोग की भी बात कही थी।
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश शासन ने मई 1990 में ग्रामोद्योग विभाग की स्थापना की। तब से विभाग निरंतर ग्रामोद्योग को मजबूत बनाने की दिशा में अग्रसर है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य में लगभग 20 - 22 हज़ार बुनकर कार्य कर रहे हैं। जिनमें से लगभग 8 हज़ार बुनकर, हथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय के अधीन कार्यरत हैं।