"खुशी कोई भौतिक वस्तु नहीं... बल्कि यह हमारे भीतर ही निहित होती है।"
हमारी रोज की भाग दौड़ आज शारीरिक कम मानसिक ज्यादा है, बाहर से ज्यादा भगदड़ हमारे भीतर है। विचारों, चिंताओं, काल्पनिक डर, ईर्ष्या आदि की हमारे मन में मानो भीड़ सी लगी है । इन अंतर्मन के द्वन्द से खुद को बचाना और मन को शांत और एकाग्रचित करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि निरंतर चलते हुए बीच में यदि विश्राम नहीं करेंगे तो गिरना स्वाभाविक है।
शांत समय में अंतरात्मा की आवाज़ को सुनना भी एक अभ्यास ही है। यह एक प्रकार का अल्प विराम है, जिसके माध्यम से हम स्वयं दिशा और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। यदि हम स्वयं आनंदित होंगे तभी दूसरों के आनंदित रहने का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे। हमारे द्वारा किये गए कार्य जो स्वयं के साथ दूसरों को भी आनंदित करे इस बात का प्रमाण होते हैं कि हम किस तरह का व्यक्तित्व हैं और कैसा जीवन जी रहे हैं।
आसपास के लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है जिससे उनकी जीवनशैली, कार्यशैली और सहज जीवन को और अधिक विकसित और समृद्ध किया जा सके। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि केवल भौतिक सुविधायें तथा समृध्दि ही आनंदपूर्ण मनोस्थिति का कारक नहीं होती। यह आवश्यक है कि लोगों का दृष्टिकोण जीवन की परिपूर्णता की मौलिक समझ पर आधारित हो।
अल्प विराम आनंद विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा संचालित एक ऐसी ही गतिविधि है, जिसके माध्यम से जीवन में सकारात्मक सोच को विकसित किया जा सके। क्योंकि यदि मन प्रसन्न होगा तो निश्चित ही उसका परिणाम लोगों की जीवन शैली में दिखेगा। ‘अल्पविराम’ कार्यक्रम का आनंद भी इसी खोज में है। अतः प्रदेश में लोगों को इसका अनुभव कराते हुये इस मार्ग पर सतत रूप से चलाने के लिए उन्हें प्रेरित करने का एक उत्कृष्ट एवं अच्छा माध्यम “अल्प विराम” है।
संस्थान द्वारा भोपाल तथा अन्य संभागीय मुख्यालयों में एक दिवसीय एवं डेढ़ दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त सभी 51 जिलों में प्रशिक्षित आनंदम सहयोगियों के द्वारा भी 2 से 3 घण्टे के अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। हर माह के पहले एवं चौथे शनिवार को राज्य आनंद संस्थान कार्यालय भवन, भोपाल में सुबह 10:30 से 5:30 बजे तक “अल्प विराम” परिचय शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर में भाग लेने हेतु राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट https://www.anandsansthanmp.in/ पर पंजीयन तथा विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अल्पविराम कार्यक्रम में भाग ले चुके साथियों से अनुरोध है कि इस कार्यक्रम के पश्चात आपके जीवन में जो भी परिवर्तन आया हो या जो आपने अनुभव किया हो उसे हमारे साथ अवश्य साझा करें ।
आइए हम “अल्प विराम” से प्राप्त अपने-अपने आनंदपूर्ण अनुभवों को MPMyGov के साथ साझा करें।
ANIL KUMAR CHAUHAN 11 months 3 weeks ago
Sir, we can make India into a well developed nation within 15 years by sustained and well planned plantation.We can plant thousand kinds of many billions trees and shrubs which provide fruits, vegetables,edible oil, cereals and medicines etc asides the railways , roads , canals and streams.1.2 billon safou fruit will produce 150 million ton of edible oil, 1.2 billion trees of maya bread nut can produce 300 million ton cereal,1.2 billion trees of african bread fruit will produce 200 million ton..
kher rohitsinh virendrasinh 11 months 3 weeks ago
Swachata tya prabhuta, Manav seva ej Prabhu seva
RAHULMEENA 1 year 4 days ago
सिद्धान्त एक: परमेश्वर आपसे प्रेम करता है और आपके जीवन के लिए उसकी एक अद्भुत योजना है।
Manish Singh 1 year 5 days ago
मन को प्रसन्न रखने की कला ईश्वर की भक्ति योग साधना शिक्षा और कर्म निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा बस आप हमेसा खुश रहेंगे.
Satyanarayana Lakhineni 1 year 5 days ago
Water is precious save water
bharat singh lodhi 1 year 6 days ago
kbhi dusro ko dukhi nhi krna chahiye ussi me hm svi ki khusi hai.
jamuna prasad yadav 1 year 1 week ago
JIO OR JEENE DO.
rajneesh goswami 1 year 1 week ago
khush rahe aur dusro ko bhi kush rahne ki salah de.
Shailesh Kumar Yadav_7 1 year 1 week ago
सुकन्या सुम्रिद्धि योजना के बारे पूरी जनकारी के लिए visit करें
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Shailesh Kumar Yadav_7 1 year 1 week ago
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