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Alp Viram - Share your Experience

Start Date: 01-09-2023
End Date: 08-10-2023

अल्पविराम: साझा करें अपने अनुभव

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अल्पविराम: साझा करें अपने अनुभव

शांत समय में अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को सुनना भी एक अभ्यास ही है। या फिर हम कहें कि यह एक प्रकार का ‘अल्पविराम’ है, जिसके माध्यम से हम स्वयं दिशा और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। जरा सोचिए, यदि हम स्वयं आनंदित होंगे तभी तो दूसरों के आनंदित रहने का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे! हमारे द्वारा किये गए कार्य, जो स्वयं के साथ दूसरों को भी आनंदित करे इस बात का प्रमाण होते हैं कि हम किस तरह का व्यक्तित्व हैं और कैसा जीवन जी रहे हैं।

अपने आसपास के लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है, जिससे उनकी जीवनशैली, कार्यशैली एवं सहज जीवन को और अधिक विकसित और समृद्ध किया जा सके। ऐसा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि सिर्फ भौतिक सुविधायें तथा समृध्दि ही आनंदपूर्ण मनोस्थिति का कारक नहीं होती। अतः यह आवश्यक है कि लोगों का दृष्टिकोण जीवन की परिपूर्णता की मौलिक समझ पर आधारित हो।

‘अल्पविराम’ राज्य आनंद संस्थान, मध्यप्रदेश द्वारा संचालित एक ऐसी ही गतिविधि है, जिसके माध्यम से जीवन में सकारात्मक सोच को विकसित करने का प्रयास किया जा सके। क्योंकि यदि मन प्रसन्न होगा तो निश्चित ही उसका परिणाम लोगों की जीवन शैली व उनके व्यवहार में दिखेगा। ‘अल्पविराम’ कार्यक्रम का आनंद भी इसी खोज में है। अतः प्रदेश में लोगों को इसका अनुभव कराते हुये इस मार्ग पर सतत् रूप से चलाने व उन्हें प्रेरित करने के लिए ‘अल्पविराम’ एक उत्कृष्ट एवं अच्छा माध्यम है।

संस्थान द्वारा भोपाल तथा अन्य संभागीय मुख्यालयों में समय-समय पर एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त सभी 53 जिलों में प्रशिक्षित आनंदम सहयोगियों के द्वारा भी 2 से 3 घंटे के यह कार्यक्रम होते हैं। राज्‍य आनंद संस्‍थान की बेवसाइट पर प्रत्‍येक सोमवार से शुक्रवार के लिए 05 दिवसीय ऑनलाईन अल्‍पविराम कार्यक्रम आयोजित किए जाते है । कार्यक्रम में सहभागिता हेतु राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट https://www.anandsansthanmp.in/hi/alpviram-training पर पंजीयन तथा विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अल्पविराम कार्यक्रम में भाग ले चुके साथियों से अनुरोध है कि इस कार्यक्रम के पश्चात, आपके जीवन में जो भी परिवर्तन आया हो या आपने जो भी अनुभव किया हो उसे यहां हमारे साथ अवश्य साझा करें

फीडबैक : https://www.anandsansthanmp.in/hi/anandsansthan-training-feedback

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pramod kumar patel 1 year 8 months ago

भजन संध्या आरती पेड़ पौधों अपनों से अपनी बात बता देना सुबह सुबह घूमने जाना सुबह जोर जोर से हंसना योग व्यायाम दौड़ पैदल चलना एक दूसरे की मदत करना गरीबों दिन दक्षिण की सेवा करना है गरीब परिवार के साथ रहन ना लड़ाई ना झगड़ा

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vijay agrawal 1 year 8 months ago

विगत पांच दिनों के कार्य क्रम में अपनत्व और बहुत बहुत कुछ सीख मिली

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Hansa patidar 1 year 8 months ago

अल्पविराम वास्तव में यह एक अच्छी पहल है,,, राज्य आनंद संस्था से मैं 28 से 1सितंबर तक 5दिवसीय अल्प विराम कार्यकर्म में एक परिवार का हिस्सा बनी यह दूसरी बार जुड़ी थीं,,, इससे हमें जीवन में सही गलत का मार्ग प्रशस्त होता है,,,, पहले मुझे गुस्सा बहुत आता था पर जब से आनंद संस्था से जुड़ी तब से 90% कम हों गया,,, और मेरे जीवन में सहन शक्ति करने की हिम्मत मिली,,, एकांत में हम जब अल्प विराम लेते हैं तो वास्तव में प्रकृति हमें बहुत कुछ सीख देती हैं,,, आनंद संस्था की पूरी टीम को साधुवाद।

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Shobharam Malviya 1 year 8 months ago

बिल्कुल, अल्पविराम हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं। वे हमें समय लेने और विचार करने का मौका देते हैं, जिससे हम सही और समझदारी से निर्णय ले सकते हैं। यह किसी भी गलत निर्णय को सुधारने का मौका भी प्रदान करते हैं और हमें खुद पर नियंत्रण बनाने में मदद करते हैं। आपके अनुभव से स्पष्ट होता है कि यह कैसे महत्वपूर्ण हो सकता है।

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BALKRISHNA SHARMA 1 year 8 months ago

अल्पविराम कार्यक्रम के कारण हमारे घर में भैयाओं से जो रिश्ते काफी दिनों से बिगडे हुए थे उनमें काफी सुधार हुआ अल्पविराम के कारण ही हमारा पारिवारिक विवाद मकान का 20 साल पुराना अल्पविराम के कारण में कर पाया

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Rajesh patel 1 year 8 months ago

स्वयं के अलावा समाज भी जीवन का हिस्सा है और वास्तविक जीवन में मेरा कर्तव्य क्या है यह मैंने अल्पविराम के दौरान पाया है।
अल्पविराम के दौरान मिले डायरेक्शन के बाद उस दिशा में काम किया और 800 से अधिक बच्चों को सुपोषित करने के कार्य में सफल रहा।
अल्पविराम अब मेरे लिए कोई टूल्स नहीं है बल्कि मेरे जीवन का हिस्सा है।

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Rajesh patel 1 year 8 months ago

स्वयं के अलावा समाज भी जीवन का हिस्सा है और वास्तविक जीवन में मेरा कर्तव्य क्या है यह मैंने अल्पविराम के दौरान पाया है।
अल्पविराम के दौरान मिले डायरेक्शन के बाद उस दिशा में काम किया और 800 से अधिक बच्चों को सुपोषित करने के कार्य में सफल रहा।
अल्पविराम अब मेरे लिए कोई टूल्स नहीं है बल्कि मेरे जीवन का हिस्सा है।

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PraveenKumarJoshi 1 year 8 months ago

अल्पविराम, हम सभी के जीवन की जरूरत है। यह हम तभी समझ सकते हैं तब हम अल्पविराम के सुखद एहसास और अनुभव से गुजरते हैं। मैं यह बात दावे के साथ कह सकता हूं क्योंकि मैं उसी एहसास और अनुभव को रोज महसूस करता हूं.. अल्पविराम से सबसे बड़ा फायदा मुझे अपने क्रोध पर नियंत्रण करने में हुआ साथ ही हड़बड़ी में निर्णय लेना भी बहुत हद तक कम हो गया है। अल्पविराम का एक फायदा यह भी हुआ की किसी वजह से गलत निर्णय हो भी गया तो उसका दोष किसी और को नहीं देना पहले कुछ सबक हम स्वयं ले और दुबारा प्रयास करें सही निर्णय ले यही