वन्य प्राणियों के बेहतर संरक्षण के लिए सुझाव दें
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार वन्य प्राणियों के संरक्षण और उन्हें प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वन विहार में दूर तक फैले हरे—भरे जंगल के बीच जंगली जानवरों को स्वछंद घूमते देखा जा सकता है।
यह अनोखा उद्यान नेशनल पार्क होने के साथ-साथ एक चिड़ियाघर (zoo) तथा जंगली जानवरों का रेस्क्यू सेंटर (बचाव केन्द्र) भी है। 4.5 वर्ग किमी में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान एवं जू के एक तरफ पूरा पहाड़ और हराभरा मैदानी क्षेत्र है जो हरियाली से आच्छादित है। दूसरी ओर भोपाल का मशहूर तथा खूबसूरत बड़ा तालाब (ताल) है। जो कि रामसर साईट भी है। यह राष्ट्रीय उद्यान एवं जू का अनूठा संगम है जो कि बहुत सुंदर लगता है।
वन विहार की शानदार खासियतों की वजह से ही इसे 26 जनवरी 1983 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया एवं कालांतर में 24 नवंबर 1994 को इसे मध्यम दर्जे के जू के रूप में चिंहित किया गया।
इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य द्वार बोट क्लब के पास से है। इसका नाम रामू गेट है। इस गेट से दूसरी ओर भदभदा क्षेत्र स्थित चीकू गेट तक की कुल दूरी 5 किलोमीटर है। इस रास्ते को पार करते हुए आपको कई खूबसूरत तथा कभी ना भूलने वाले दृश्य दिखाई देंगे। आप इस विहार में इच्छानुसार पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, कार या फिर बस से भी घूम सकते हैं। यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए सभी बातों का विशेष ख्याल रखा जाता है।
वन विहार का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक रूप में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, उन्हें आश्रय देने के साथ ही उनके प्राकृतिक आवास को बचाये रखने हेतु जनसाधारण में जागरूकता का विकास करना है। इसी क्रम में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान द्वारा आम लोगों में वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वन्यप्राणियों को गोद लेने की योजना 1 जनवरी 2009 से प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था वनविहार के बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, हाइना, जैकाल, मगरमच्छ, घड़ियाल एवं अजगर में से किसी भी वन्यप्राणी को मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक आधार पर गोद ले सकता है।
इन वन्यप्राणियों को गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि आयकर की धारा 80 जी एस के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है।
साथ ही गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था को 10 प्रतिशत की राशि के नि:शुल्क प्रवेश पास की सुविधा प्रदान की जाती है।
वन्यप्राणियों को गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था के नाम की पट्टिका उस वन्यप्राणी के बाड़े के समक्ष एवं दोनों प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शन के लिए लगाई जाती है।
इस योजना में अब तक विभिन्न संस्थाओं द्वारा 78 वन्यप्राणियों को गोद लिया जा चुका है और इसके माध्यम से रु.6121580 की राशि प्राप्त हो चुकी है।
वन विहार प्रशासन के साथ-साथ एक जागरूक नागरिक के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी है कि वन्यप्राणियों का संरक्षण और संवर्धन करें।
आपके द्वारा वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए की गई एक छोटी सी पहल वन्यप्राणियों और प्रकृति के संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकता है।
तो आगे आइए, मदद का हाथ बढ़ाइए, वन्य प्राणियों को गोद लेकर इनके संरक्षण में अपनी भूमिका निभाइए।
Saptak Saha 3 years 4 months ago
We should conserve our wild life so as to maintain the ecological balance
SamarSingh 3 years 4 months ago
Encouraging to the good site of wild life
JoyGhosh 3 years 4 months ago
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करनी चाहिए। लोगों को प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए। https://thespiritualuniverse.in/sundarban-delta-kahan-hai-%E0%A4%B8%E0%A...
JoyGhosh 3 years 4 months ago
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करनी चाहिए। लोगों को प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए। https://thespiritualuniverse.in/sundarban-delta-kahan-hai-सुंदरवन-डेल्टा
DivyaGupta 3 years 4 months ago
Please don't cancel class 12th board exams .
JanmayjaiSinghSolanki 3 years 4 months ago
Mr. Pime Minister,
This is Janmayjai Singh Solanki, studying studying class 12th.
Forest is the reason why all the human beings and animals are still existing. India has a diverse species of both trees and animals.
But as we see day-by-day the population all over the globe tends to rise, urbanization is increasing, which ultimately leads to deforestation.
This in turn results in extinction of WILDLIFE.
"PROTECT FORESTS-PROTECT WILDLIFE"
"CONTROL POPULATION-PROTECT FORESTS"
#jaibharat
Saumitrakumar 3 years 4 months ago
माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी
मेरा नाम सौमित्र कुमार हैं
मेरा आपसे विनम्र निवेदन है मेरा 2017 से अनुकंपा नियुक्ति का मामला मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में छः साल से पेंडिंग हैं सिर्फ आश्र्वासन पर आश्र्वासन मिल रहा है आगे की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। नियम के तहत शिक्षा ग्रहण की है और भटक रहे हैं और आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं सर आपसे विनम्र भाव से विनती है कि हमको हमारे प्रिय मामा जी जल्द से जल्द अनुकंपा नियुक्ति देने का कष्ट करें।
Aradhyasharma 3 years 4 months ago
We are living with the nature , everywhere we can find the beauty of nature. In the nature , the most important thing is all the nautre related gifts and inside this beauty of nature we can find the wildlife where different species of animals , different species of birds are existing. And only we (humans) are only responsible for destroying this wildlife like the pollution which affects too much in nature .So my only point is that like we'll are caring ourselves so also we need to care nature..
gaganshukla 3 years 4 months ago
we should preserve them
Namangupta 3 years 4 months ago
Exam ho gi ki nhi ho gi 2022 ma 10 th ki