मध्यप्रदेश बजट 2026-27 के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा करें
बजट, प्रदेश के सर्वांगीण विकास व आम नागरिकों के खुशहाल जीवन को साकार करने, सतत् विकास की गति बनाये रखने, आधारभूत सुविधाओ का विकास व सभी वर्गों के कल्याण में महत्वपूर्ण साधन रहा है।
माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में बजट के माध्यम से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों के विस्तार के साथ-साथ, रोजगार के नये अवसर दिये जा रहे है। प्रदेश में शासन एवं उसकी आनुषंगिक संस्थाओं द्वारा एक लाख से अधिक पदों की पूर्ति की जाना लक्षित है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संकल्पित विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में मध्यप्रदेश भी अपना योगदान देने लिए अग्रसर है तथा इसी तर्ज पर विकसित मध्यप्रदेश@2047 का विजन तैयार किया जा रहा है। इन निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति को ध्यान में रखते हुये वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिये प्रदेश के बजट को स्वरूप दिया जाना है।
प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों से प्राप्त सुझावों, मार्गदर्शन, प्राथमिकताओं आदि से प्रदेश का बजट, प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम बनेगा। प्रदेश की राजस्व आय में वृध्दि के सुझाव भी बजट को और अधिक लोक कल्याणकारी स्वरूप देने में सहयोग देंगे।
MPMYGov द्वारा आपके सुझाव, मार्गदर्शन आमंत्रित है। कृपया सुझाव दिनांक 18 दिसम्बर, 2025 तक उपलब्ध करावें। सुझावों के साथ अपना नाम, शहर, जिला, पिनकोड एवं मोबाइल नं. भी अंकित करे ।
मुख्य क्षेत्र :-
1. हरित ऊर्जा जैसे बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु संभावित स्थलों के संबंध में सुझाव
2. विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार जैसे-स्मार्ट मीटर, एव्हरेज बिल की जगह एक्च्युअल बिल, विद्युत के पुराने तारों के स्थान पर केबल तार स्थापित करने, सडकों के मध्य आने वाले पोल को प्रतिस्थापित करने, अस्थाई विद्युत कनेक्शनों को स्थाई विद्युत कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु तथ्यात्मक सुझाव
3. परिवहन के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हेतु सडकों (जिला मार्ग, राज्य मार्ग एवं अन्तर्राज्यीय मार्ग) के विकास हेतु तथ्यात्मक सुझाव एवं ई-परिवहन को बढावा देने हेतु सुझाव/विचार/प्रस्ताव
4. ग्रामीण विकास हेतु परंपरागत व्यवसायों के पुनर्रुध्दार, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, पेयजल एवं अधोसंरचनात्मक विकास हेतु तथ्यात्मक सुझाव
5. गौ-वंश के संवर्धन, सरंक्षण एवं गौचारण भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु सुझाव।
6. मत्स्य विकास, मुर्गीपालन, दुग्ध उत्पादन, कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढावा देने हेतु उत्पादन एवं निर्यात के संबंध में सुझाव
7. प्रदेश में प्रवाहित समस्त नदियों एवं जल स्त्रोतों के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्रुध्दार हेतु सुझाव।
8. प्रदेश के वनों, वन्य जीवों तथा जैव-विविधता के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनर्रुध्दार तथा वन ग्रामों में निवासरत जन जीवन की मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु सुझाव।
9. स्थानीय पर्यटन को बढावा दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश में स्थित धार्मिक, नैसर्गिक (प्राकृतिक), ऐतिहासिक धरोहरों/स्थलों के विकास हेतु तथ्यात्मक सुझाव
10. शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अधोसंरचनात्मक विकास हेतु सरकार के अतिरिक्त आम जनों के द्वारा आर्थिक सहयोग प्राप्त किये जाने हेतु सुझाव
11. रोजगार एवं उद्योग के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हेतु क्षेत्र विशेष जैसे- जिला, ब्लॉक, नगर, ग्राम आदि में स्थापित किये जा सकने वाले उद्योग (निर्माण उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उद्योग एवं फर्नीचर उद्योग, कुटीर एवं हथकरघा, टेक्सटाईल, खिलौना, स्टेशनरी, गृह निर्माण सामग्री, वनोपज प्रसंस्करण, औषधि निर्माण आदि)
12. वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद के लिए स्थानीय उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात हेतु सुझाव
13. प्रदेश के पुराने शहरों में सड़को/गलियारों के चौड़ीकरण, ऐतिहासिक व पुरानें बाजारों के पुनर्विकास एवं अतिक्रमण/झुग्गी मुक्त शहरों की परिकल्पना हेतु सुझाव
14. सड़क, पुल, पार्कों एवं अन्य अधोसंरचनात्मक विकास हेतु सुझाव।
15. जन स्वास्थ्य से संबंधित क्षेत्रों पर सुझाव
16. महिला एवं बाल विकास से संबंधित क्षेत्रों पर सुझाव
17. सामाजिक सुधार जैसे- दिव्यांगजन/भिखारियों/आवासहीन/बेसहारा जनों आदि के कल्याण हेतु सुझाव
18. राजस्व संग्रहण को बढावा देने हेतु सुझाव
19. प्रशासनिक सुधार से संबंधित सुझाव
20. अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित सुझाव
आप निम्न माध्यम से अपना सुझाव दे सकते हैं:-
1. MPMyGov Portal
2. Toll free no.: 0755-2700800
3. Email id: budget.mp@mp.gov.in
4. डाक से पत्राचार हेतु पता:
संचालक बजट
वित्तीय प्रबंध सूचना प्रणाली
218-एच, द्वितीय तल, वित्त विभाग, मंत्रालय,
भोपाल, मध्यप्रदेश 462004
BrahmDevYadav 2 days 17 hours ago
भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा का एक वर्धित लक्ष्य निर्धारित किया है। यह पंचामृत के अंतर्गत एक प्रमुख संकल्प है। यह नवीकरणीय ऊर्जा में विश्व की सबसे बड़ी विस्तारीकरण योजना है।
BrahmDevYadav 2 days 18 hours ago
भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य महत्वाकांक्षी हैं, जिनमें अपने प्रचुर सौर संसाधनों का दोहन करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण शामिल है। 2030 तक, भारत का लक्ष्य 280 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन तक पहुँचना है,जो देश के 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के समग्र लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
BrahmDevYadav 2 days 18 hours ago
3. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:- इसके लिए ₹19,744 करोड़ का कुल परिव्यय है,जिसका लक्ष्य भारत को हरित
हाइड्रोजन उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना है।
निष्कर्ष:
हरित ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए कोई एक निश्चित बजट नहीं है। यह स्थान की उपयुक्तता, परियोजना के पैमाने और चुनी गई सरकारी सहायता योजनाओं पर निर्भर करता है। विस्तृत जानकारी के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों से संपर्क करना उचित है।
BrahmDevYadav 2 days 18 hours ago
सरकारी सहायता और योजनाएं:-
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करता है:-
1. केंद्रीय वित्तीय सहायता:-कई योजनाओं में परियोजना लागत का एक निश्चित प्रतिशत केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में
दिया जाता है।
2. हरित ऊर्जा कॉरिडोर:- ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
संभावित स्थल और बजटीय कारक:-
परियोजना का बजट तय करने में संभावित स्थल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं,क्योंकि स्थान का चुनाव कई परिचालन लागतों और व्यवहार्यता को प्रभावित करता है।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
हरित ऊर्जा संयंत्रों जैसे बायोगैस,सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए बजट मुख्य रूप से परियोजना के पैमाने, स्थान, और उपलब्ध सरकारी योजनाओं पर निर्भर करता है। भारत सरकार इन परियोजनाओं के लिए विभिन्न सब्सिडी और वित्तीय सहायता योजनाएं (जैसे PM-KUSUM, PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) प्रदान करती है, जिससे लागत में काफी कमी आ सकती है।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
निष्कर्ष:-
बजट 2026-27 में किसी एक विशेष नए स्थान की घोषणा नहीं की गई है, बल्कि मौजूदा योजनाओं और भौगोलिक संभावनाओं के आधार पर निवेश और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। सौर, पवन और बायोगैस के लिए उपर्युक्त राज्य प्रमुख केंद्र बने रहेंगे, जहां सरकारी प्रोत्साहन और निजी निवेश के माध्यम से हरित ऊर्जा क्षमता का विस्तार किया जा रहा है।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
प्रमुख संभावित स्थल:-
* कृषि-प्रधान राज्य:- पंजाब,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,कर्नाटक।
* पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्य भी इस कार्यक्रम के तहत शामिल हैं,जहाँ विशेष वित्तीय सहायता दी जाती है।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
3. बायो गैस और बायोमास ऊर्जा:-
बायो गैस संयंत्रों के लिए कच्चे माल (कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट) की उपलब्धता महत्वपूर्ण है,इसलिए ये संयंत्र मुख्य
रूप से ग्रामीण और कृषि-प्रधान क्षेत्रों में स्थापित किए जा रहे हैं।
BrahmDevYadav 2 days 19 hours ago
प्रमुख राज्य:-
* तटीय क्षेत्र:- गुजरात,तमिलनाडु,महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश।
* अन्य: कर्नाटक,राजस्थान।
बजट और योजनाएं:- सरकार ने 2027-28 तक प्रति वर्ष कम से कम 10 GW पवन ऊर्जा क्षमता के लिए बोलियाँ जारी करने का लक्ष्य रखा है,जो इन राज्यों में विकास को प्रोत्साहित करेगा।