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Participate Anand Utsav Madhya Pradesh 2025

Start Date: 14-01-2025
End Date: 31-01-2025

आनंद उत्सव 2025- अपने आनंद के अनुभव साझा करें ...

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आनंद उत्सव 2025- अपने आनंद के अनुभव साझा करें

जीवंत सामुदायिक जीवन, नागरिकों की जिन्‍दगी में आनंद का संचार करता है। लोक संगीत, नृत्य, गायन, नाटक तथा खेलकूद की गतिविधियां हमारे परिपूर्ण जीवन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसी मान्यता के आधार पर ‘आनंद उत्सव’ की परिकल्पना की गई है। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी राज्य आनंद संस्थान पूरे प्रदेश में पंचायत और नगरीय विकास विभाग के सहयोग से दिनांक 14 से 28 जनवरी 2025 के दौरान आनंद उत्सव मना रहा है।

आनंद उत्सव का उद्देश्‍य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्‍साह को बढ़ाने के लिये समूह स्‍तर पर खेल-कूद और सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्‍सव की मूल भावना प्रतिस्‍पर्धा नहीं वरन सहभागिता है। आनंद उत्‍सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते है।

आनंद उत्‍सव में प्रमुख रूप से स्‍थानीय तौर पर प्रचलित परम्‍परागत खेल-कूद जैसे कबड्डी, खो-खो, बोरा रेस, रस्‍सा कसी, चेअर रेस, पिठ्ठू, सितोलिया, चम्‍मच दौड़, नीबू दौड़ आदि तथा सांस्‍कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक संगीत, नृत्‍य, गायन, भजन, कीर्तन, नाटक आदि एवं स्‍थानीय स्‍तर पर तय अन्‍य कार्यक्रम किये जाते है।

इन कार्यक्रमों के अंतर्गत सांस्‍कृतिक तथा परम्‍परागत खेलकूद की गतिविधियां आयोजित की जावेगी। राज्य आनंद संस्थान द्वारा ‘आनंद उत्सव’ कार्यक्रमों के फोटो एवं वीडियों के लिये एक प्रतियोगिता आयोजित की गई है। यह प्रतियोगिता आयोजन की गतिविधियों के फोटो/ वीडियो पर आधारित होगी। यह प्रतियोगिता सभी आनंदकों के लिए खुली है। आनंद उत्‍सव कार्यक्रम से जुड़े नागरिक/ आनंदक/ आयोजक भी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।

प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए क्लिक करें :- https://www.anandsansthanmp.in/hi/anand-utsav-photo-video-competition

मन को आनंदित करने वाले ‘आनंद उत्सव’ में सहभागिता अवश्य करें एवं आनंद के अनुभव को नीचे कमेन्ट बॉक्स में साझा करें।

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Shivam Kushwaha 1 day 5 hours ago

(म.प्र) सरकार आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्सव को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वर्ण सहभागिता है। आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं। इसमें लोगों का उत्साह बढ़ता हैं

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Shivam Kushwaha 1 day 5 hours ago

आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्सव को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वर्ण सहभागिता है। आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं। (म.प्र) इसमें लोगों का उत्साह बढ़ता है और उनके जीवन में अहेम भूमिका निभाता है।

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SAHIL 1 day 12 hours ago

आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्सव को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वर्ण सहभागिता है। आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं।

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SURESHKUMAR 1 day 12 hours ago

आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्सव को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वर्ण सहभागिता है। आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं।

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SURESHKUMAR 1 day 12 hours ago

आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्सव को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वर्ण सहभागिता है। आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं।

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BrahmDevYadav 2 days 10 hours ago

हमें जीवन में सबसे बड़ी खुशी कहां मिलती है?
यह आत्म-अनुशासन, अच्छी आदतों, लचीलापन, स्थिरता आदि के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। किसी भी कठिन परिस्थिति को एक मजबूत मानसिकता की सहायता और शक्ति से आसानी से निपटा जा सकता है। हर इंसान को एक समृद्ध मानसिकता की ताकत और हठधर्मिता को समझना चाहिए और अपने जीवन में अधिक खुशी और आनंद प्राप्त करने के लिए इसका लाभ उठाना चाहिए।