'गोल्डन ऑवर'- घायल के लिए संजीवनी - इस कैंपेन हेतु सुझाव आमंत्रित है।
जीवन कीमती है और इसका मूल्य तब पता चलता है, जब किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति मदद की गुहार लगा रहा होता है। ऐसे में हमारे आस-पास कुछ ऐसे नेक व्यक्ति होते हैं जो मदद के लिए अपना हाथ आगे करते हैं और घायल को अस्पताल ले जाते हैं। पुलिस अब इन नेक व्यक्तियों से कोई पूछताछ नहीं करेगी ।
अतः अब केंद्रीय सरकार, मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 134क के अनुसार जो नेक व्यक्ति है उन पर नियम 168 लागू होगा। जिसमे निहित है कि नेक व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव किये बिना सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा।
पुलिस ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI), पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा इस नेक काम में जन-भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 'गोल्डन ऑवर'- घायल के लिए संजीवनी कैंपेन शुरू किया गया है। इस कैंपेन का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए नागरिकों को प्रेरित करना है।
सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों / सामजिक संगठन / ट्रस्ट एवं सेमेरिटन द्वारा किए गए सराहनीय कार्य को सम्मानित करते हुए केंद्र सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा केंद्र एवं राज्य स्तर पर अलग-अलग श्रेणियों में पुरुस्कृत किया जाएगा।
विस्तृत जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट https://morth.nic.in/ पर उपलब्ध है।
मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019
'गोल्डन ऑवर'- घायल के लिए संजीवनी कैंपेन को बेहतर बनाने के लिए और नेक व्यक्तियों की साझेदारी बढ़ाने के लिए अपने सुझाव यहां comment box में साझा कर सकते हैं।
Vipul Ghosh 3 years 1 month ago
I think in case of accidents, FIR should be done after treatment, and the person who brought the suffered people in hospital should be relieved from the FIR, then I think people bebec