मध्यप्रदेश में अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में
इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए साझा करें अपने विचार
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चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा देश में पहली बार हिंदी माध्यम के चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए MBBS के पाठ्यक्रम को हिंदी में भी करने की शुरूआत की जा रही है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2022 में शुरु होने वाले एमबीबीएस कोर्स के प्रथम सेमेस्टर में हिंदी भाषा में मेडीकल की शिक्षा दी जाएगी।
मध्यप्रदेश शासन ने यह पहल इसलिए की है क्योंकि चिकित्सा विज्ञान की पुस्तकों में अंग्रेजी भाषा की क्लिष्ट शब्दावली होने से हिन्दी माध्यम एवं ग्रामीण परिवेश से आने वाले मेडीकल छात्र—छात्राओं को चिकित्सकीय विषयों की अंग्रेजी पुस्तकों में उल्लेखित सिद्धांत एवं अवधारणाओं को समझने में कठिनाई होती हैं।
प्रदेश में चिकित्सीय शिक्षा में प्रवेश लेने वाले लगभग 75% छात्र हिंदी भाषी होते है, इनको इस निर्णय से सीधा लाभ मिलेगा। प्रदेश में एम.बी.बी.एस. पढ़ने वाले लगभग 10,000 छात्रों में से 7,500 छात्र हिंदी भाषी है।
अंग्रेजी भाषा में प्रवीण नहीं होने के कारण ऐसे छात्र पठन-पाठन में पीछे रह जाते हैं, जिससे उनमें हीन भावना एवं अवसाद उत्पन्न होता हैं तथा परीक्षा के परिणाम प्रभावित होते हैं।
जर्मनी, जापान, चीन जैसे कई देश जो चिकित्सकीय सुविधाएँ और ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी हैं, मातृभाषा में विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई कराते हैं।
हिंदी माध्यम के छात्रों को भी अपनी मातृभाषा का विकल्प मिले ,इस बात को ध्यान में रखते हुए हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू की जा रही है। प्रथम फेस में 3 विषयों का रूपातंरण कार्य NMC के नियमों को ध्यान रखते हुए किया गया है। तदुपरांत पब्लिशर द्वारा प्रकाशन के नियमों (copy right) इत्यादि के अनुसार पुस्तके पब्लिश की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नवाचार के रूप में प्रथम वर्ष के 3 विषयों की किताबों का रूपांतरण व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसमें देवनागरी का उपयोग कर विद्यार्थियों को टूल और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है।
विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पाठ्यक्रम से जुड़े विभिन्न व्याख्यानों को हिन्दी में ऑडियो-वीडियो बनाकर यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाएगा। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसने यह नवाचार किया है।
इसे और प्रभावी बनाने और इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए अपने सुझाव दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को इसका फायदा मिल सकें।
आप अपने विचार नीचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।
Rajveer Namdev 1 day 7 hours ago
MBBS Study In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)सरकार ने कहा है कि राज्य में अब बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की पढ़ाई राजभाषा हिन्दी में भी होगी. इससे संबंधित पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत राजधानी भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) से होगी. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग (Vishvas Sarang) ने गुरुवार को इस आशय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज में यह कोर्स शुरू होगा.
विश्वास सारंग ने कहा कई मातृभाषा ने कुछ सीखना फायदेमंद होता है.
Karan Singh 1 day 8 hours ago
राष्ट्र भाषा हिंदी का सम्मान करना तथा इस भाषा को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना एक सम्मान की बात है। सभी लोग आसानी से दवा और जांच को आसानी से पद सकेंगे। पूरा स्वास्थ विभाग हिंदी मै होना चाहिए। हिंदी सरल भाषा है। इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है मध्य प्रदेश सरकार का ये अच्छा कदम है ।
जादूगर आर आनंद PATHAK 1 day 16 hours ago
शानदार कार्य है सरकार आप इतिहास लिख रहे हिंदी होने से गरीब के बच्चे डाक्टर बनेगे और ये शेय सरकार को ही मिलेगी अच्छी ही नही बहुत अच्छी योजना आप और आपकी पूरी टीम इतिहास में अपना नाम दर्ज करेगी
Dr Dinesh Choudhari 2 days 8 hours ago
#हिंदी
मानव शरीर में कोई भी नवाचार हमेशा उसके मन में आता हैं।
और मन केवल मातृभाषा समझता है। हम भारतीय हैं, हमारे मन , बुद्धी पर सर्व प्रथम हिंदी भाषा का प्रभाव पड़ता है। इसी वैज्ञानिक आधार पर यह निर्णय लेना की मध्यप्रदेश में चिकित्सा विज्ञान भी हिन्दी में पढ़ाया जायेगा, बहुत ही शास्त्रीय हैं। तभी ही हमारे छात्र नवाचार कर अविष्कार कर सकेंगें।
मन का मर्म जाननेवाले हमारे मुुख्य मंत्री जी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री जी का मन पूर्वक धन्यवाद।
डाॅ दिनेश चौधरी
प्रोफेसर
भोपाल
Dr Dinesh Choudhari 2 days 8 hours ago
#हिंदी
मानव शरीर में कोई भी नवाचार हमेशा उसके में में आता हैं।
और मन केवल मातृभाषा समझता है। हम भारतीय हैं, हमारे मन , बुद्धी पर सर्व प्रथम हिंदी भाषा का प्रभाव पड़ता है। इसी वैज्ञानिक आधार पर यह निर्णय लेना की मध्यप्रदेश में चिकित्सा विज्ञान भी हिन्दी में पढ़ाया जायेगा, बहुत ही शास्त्रीय हैं। तभी ही हमारे छात्र नवाचार कर अविष्कार कर सकेंगें।
मन का मर्म जाननेवाले हमारे मुुख्य मंत्री जी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री जी का मन पूर्वक धन्यवाद।
डाॅ दिनेश चौधरी
प्रोफेसर
भोपाल
Rameshwar Patel 2 days 16 hours ago
आईआईटी की तरह राज्य में भी मेडिकल का कंपटीशन इग्जाम होना चाहिए इस एग्जाम में अटेंप्ट करने का कोई बंधन न हो और न ही उम्र का कोई बंधन हो। साथ ही मध्यप्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज हो जिसमें टीचर 100 प्रतिशत होने चाहिए।
Govind Sharma 4 days 3 hours ago
सरकार एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने का जो निर्णय लिया गया वह ग्रामीण, एवं निर्धन परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए अत्यंत सराहनीय है क्योंकि ग्रामीण स्तर के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी में एमबीबीएस की पढ़ाई करना अत्यंत ही कठिनाई का विषय था लेकिन आप एमबीबीएस की पढ़ाई में ग्रामीण बहुल क्षेत्र के विद्यार्थी एमबीबीएस की पढ़ाई में नॉटी अपनी रुचि बल्कि अपना डॉक्टरी में भी अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे और अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी भी डॉक्टरी की पढ़ाई कर सके
uditnigam 4 days 10 hours ago
सबसे पहले सरकार को व्हाटसअप को सरकारी तंत्र से हटाना चाहिऐ ओर एक सरकारी एप बनाना चाहिऐ आज सभी कार्य व्हाटसअप पर हो रहे है ओर हमारा सारा डेटा विदेष जा रहा है अगर डिजीटल इंडिया बनाना है तो पहले सरकारी तंत्र से व्हाटसअप को बाहर करना होगा ओर अपना एक सरकारी डिजीटल तंत्र विकसीत करना चाहिऐ । ओर बात रही डाक्टर की पढाई हिन्दी मे करने मे तो प्रस्ताव सहराहनीय है पर क्या हम अपने डाक्टर दुनिया मे कही भी भेज कर उनसे वहॉ कार्य करवा सकते है सभी दुनिया की सभी बुक किस भाषा की है आप ओर मे अच्छे से ज
ShubhamRathore 4 days 13 hours ago
मेरे हिसाब से mbbs से पहले कुछ अन्य डिग्री कोर्स को हिंदी में करा कर उसका अवलोकन करना चाहिए उदाहरण के लिए B.sc,bca,m.sc,b.com,m.com,mba आदि को शुरू में हिंदी में करना चाहिए इससे हमे पता चलेगा की हिंदी करने से हमे कुछ फायदा होगा की नही mbbs को हम एक दम से शुद्ध हिंदी में नही कर सकते उसे हम हिंदी ओर इंग्लिश की मिली जुली भाषा में प्रस्तुत करे गे , जिस की हम बचपन में कंप्यूटर के बुक को पढ़ते थे , अभी के हालात में बच्चो को कुछ शब्द हिंदी में तो कुछ शब्द इंग्लिश में पता हे(हिंदी माध्यम से पढ़े बच्चे)
Krishnakantpatel 4 days 17 hours ago
एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई होने से व्यापक स्तर पर ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों से विद्यार्थी एमबीबीएस की पढ़ाई करने में रुचि दिखाएंगे एवं बड़ी मात्रा में डॉक्टर बनकर देश हिकार्य करेंगे।